ज्वैलरी के एक कारोबारी ने इश्तिहार दिया-देशभक्ति खरा सोना है, एकदम खरा, जो हम दिखायेंगे और दिखायेंगे कि हम भी खरे सोने वाले हैं। खरीदिये फलां ब्रांड वाला खरा सोना । देशभक्ति का सीजन है, भाई लोग सोने से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक बेचे दे रहे हैं। एक फिनाइल का इश्तिहार था, जिसका आशय यूं था कि जिस तरह से सर्जिकल स्टादक ने आतंकी को निपटाया हमारा वाला फिनाइल कीटों को निपटा देता है सर्जिकल स्याटक की तरह दफेस्टिव फलां बांट का फिनाइल सर्जिकल स्टादक पर आधारित फिल्म उरी का फिर इश्तिहार आ गया, बालाकोट पाकिस्तान पर हुए हवाई हमले के बाद देशभक्ति के सीजन में परानी फिल्म नये तरह से बेची जा सकती है। बेचो, बेचो, बेचो देशभक्ति बहुत अच्छा भाव है। मुझे अपने स्कूल की दीवारों पर लिखी पंक्तियां अब तक स्मरण हैं-जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है, पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। पं. गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' की ये अमर पंक्तियां हैं, जिनमें उन्होंने भावों की बात की है। बात अब भी भावों की हो रही है, पर ये भाव दूसरे हैं। देशभक्ति पर आधारित इश्तिहार जिन भावों की बात कर रहे हैं, उनका ताल्लुक कीमत वाले भावों से है। कितनी कीमत वसूली जा सकती है, अपने भाव बाजार में कैसे बढ़ाये जा सकते हैं, भावों के जरिये मुनाफा कैसे बढ़ाया जा सकता है-ये भावपूर्ण सवाल अति अहम हो गये हैं। बेचो, बेचो सब कुछ बेचो, देशभक्ति, सर्जिकल स्ट्राइक को बेचो। कुछ समय बाद बालाकोट के आतंकी शिविरों पर हमलों को बेचने वाले इश्तिहार भी सामने आ जायेंगे और ऐसा अभी ही नहीं हो रहा है। हर वक्त में हुआ है। देश की आजादी के ठीक बाद एक बड़े हिंदी अखबार में इश्तिहार था, जिसमें आजादी के साथ एक रवींद्र नाथ टैगोर की कविता को जोड़कर पेश किया गया था-एकला चलो रे, फिर आगे इश्तिहार का आशय यह था कि पाठक को उस ब्रांड के पते पहनकर अकेले निकल जाना चाहिए और आजादी के आनंद लेनानिय पोशाजानी टोमिली बीटाला सिकिसी जते के ब्रांड का इश्तिहार किया जा सके मानो सर्जिकल स्टाइक हई ही इसलिए कि एक फिल्म को दोबारा और कई बार बेचा जा सके। एक बहुत बड़ी आटोमोबाइल कंपनी ने एक जंगी जहाज का कबाड़ खरीदा और उस कबाड़ को अपनी बाइक के एक ब्रांड में लगाकर यूं पेश किया कि मानो उस जंगी जहाज से जुड़े शौर्य के भाव खुद-ब-खुद उस बाइक में समाहित हो लिये। शौर्य आखिर में बाइक बेचने के ही काम आ रहा था। देशभक्ति ज्वैलरी बेचने के काम आ रही है।
ज्चार सतलजार बाजार